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पाकिस्तान पर जीत हार्दिक के लिए उपलब्धि से कम नहीं

 मुंबई. करियर को खतरे में डालने वाली पीठ की चोट के कारण चार साल पहले इसी प्रतिद्वंदी के खिलाफ इसी मैदान को छोड़ने वाले हार्दिक पंड्या के लिए एशिया कप के शुरुआती मैच में पाकिस्तान पर पांच विकेट की जीत किसी उपलब्धि से कम नहीं है।

हार्दिक ने इस मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया। उन्होंने पहले चार ओवर में 25 रन देकर तीन विकेट लिए और बाद में 17 गेंदों पर नाबाद 33 रन की उपयोगी पारी खेली जिसमें स्पिनर मोहम्मद नवाज पर लगाया गया विजयी छक्का भी शामिल है। चार साल पहले पाकिस्तान के खिलाफ मैच के दौरान वह चोटिल हो गए थे जिसके कारण उन्हें लगभग तीन साल तक खेल से बाहर रहना पड़ा।

हार्दिक ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में कहा,‘‘ इस जीत से मैं बहुत खुश हूं क्योंकि यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण थी। एक टीम के रूप में हमें चुनौती दी गई थी। रविंद्र जडेजा ने जिस तरह से अच्छी बल्लेबाजी की उससे भी मैं खुश हूं।’’

उन्होंने कहा,‘‘ मुझे वे सभी बातें याद आ रही थी जब मुझे स्ट्रेचर पर ड्रेसिंग रूम ले जाया गया था। ऐसी परिस्थितियों से गुजरने और आज मौका मिलने पर आपको यह उपलब्धि जैसी लगती है।’’

हार्दिक ने अपनी सफल वापसी का श्रेय भारतीय टीम के पूर्व फिजियो और वर्तमान में बीसीसीआई खेल विज्ञान के प्रमुख नितिन पटेल और मौजूदा अनुकूलन कोच सोहम देसाई को दिया।

उन्होंने कहा,‘‘ यह सफर बहुत अच्छा रहा और हमें कड़ी मेहनत का फायदा मिल रहा है लेकिन इस दौरान जिन्होंने भी मुझे फिट करने में भूमिका निभाई उनको कभी श्रेय नहीं मिला। मैं हमेशा उन व्यक्तियों को श्रेय देना चाहता हूं जो इसके हकदार हैं। मैंने जिस तरह से वापसी की उसका श्रेय मैं नितिन पटेल और सोहम देसाई को दूंगा।’’

हार्दिक पाकिस्तान के खिलाफ मैच में एक बार में केवल एक ओवर के लिए ही रणनीति तैयार कर रहे थे और अगर भारत को जीत के लिए अंतिम ओवर में सात के बजाय 15 रन की जरूरत भी होती तो वह इसके लिए खुद को तैयार रखते।

पंड्या ने मैच के बाद कहा,‘‘ इस तरह के लक्ष्य का पीछा करने में आपको प्रत्येक ओवर के लिए रणनीति तैयार करनी होती है। मुझे शुरू से पता था कि उनकी टीम में (जिनके ओवर बचे हैं उनमें) एक युवा गेंदबाज (नसीम या शाहनवाज दहानी) और बाएं हाथ का एक स्पिनर (मोहम्मद नवाज) है।’’

उन्होंने कहा,‘‘हमें अंतिम ओवर में जीत के लिए केवल सात रन की दरकार थी लेकिन अगर हमें 15 रन भी चाहिए होते तो मैं उसके लिए खुद को तैयार रखता। मैं जानता था कि 20वें ओवर में मेरी तुलना में गेंदबाज पर अधिक दबाव था। मैंने चीजों को सरल बनाए रखा।’’

उन्होंने बीसीसीआई़.टीवी पर पोस्ट किए गए वीडियो में जडेजा से बात करते हुए कहा,‘‘सात रन मुझे बहुत ज्यादा नहीं लग रहे थे और मैं बाएं हाथ के स्पिनर (मोहम्मद नवाज) और पांच खिलाड़ियों के सर्किल से बाहर होने को लेकर भी परेशान नहीं था। परिस्थिति कैसी भी रहती मुझे लंबा शॉट खेलना था। पूरी पारी में मैंने केवल उसी समय अपनी भावनाएं व्यक्त की जब आप (जडेजा) आउट हो गए थे।’’

हार्दिक ने कहा,‘‘ मुझ पर किसी तरह का दबाव नहीं था। मेरे हिसाब से उस पर (नवाज) अधिक दबाव था। मैं केवल उसके गलती करने का इंतजार कर रहा था। आप जितने बेहतर तरीके से दबाव से पार पाते हैं उतने ही सफल रहते हैं।’’

जहां तक गेंदबाजी का सवाल है तो पंड्या जानते हैं कि उन्हें बीच-बीच में शार्ट पिच गेंद करनी होगी ताकि बल्लेबाज कोई गलती करें।

पंड्या ने कहा,‘‘ गेंदबाजी में परिस्थितियों का आकलन करना और उसके अनुसार गेंदबाजी करना महत्वपूर्ण होता है। गेंदबाजी में मेरा मजबूत पक्ष शॉर्ट पिच गेंदबाजी और सही लेंथ पर गेंदबाजी करना है। यह इनका अच्छी तरह से उपयोग करना और बल्लेबाज को गलतियां करने के लिए मजबूर करने से जुड़ा है।’’

हार्दिक और जडेजा ने पांचवें विकेट के लिए 52 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई। जडेजा आखिरी ओवर की पहली गेंद पर आउट हो गए थे।

हार्दिक ने कहा,‘‘ मैं और जड्डू (जडेजा) सात-आठ वर्षों से साथ में खेल रहे हैं। भारतीय टीम को हमेशा शीर्ष तीन बल्लेबाजों के लिए जाना जाता है। हमें बहुत अच्छा लगा कि हमें मौका मिला और हम अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रहे।’ भारत अपना अगला मैच बुधवार को हांगकांग के खिलाफ खेलेगा।

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