कोरबा

Korba: कुसमुंडा गोलीकांड का खुलासा, फंसाने के लिए रची गई थी साजिश, जिसने लिखवाई थी खुद पर हमले की रिपोर्ट, वहीं फंसा…..2 लोग गिरफ्तार

गयानाथ मौर्य@कोरबा। (Korba) कुसमुंडा गोली कांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। अशरफ खान ,राजा खान और अभिषेक आनंद को फसाने के लिए साजिद खान और गोपू पांडे ने साजिश रची थी। साजिद खान के गुर्गे से सुमीत चौधरी ने अपनी जांघ में गोली चलवाई थी। इस मामले में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही घटना में प्रयुक्त पिस्टल एवं खाली कारतूस बरामद कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक 28 नवंबर को रात करीब 10.30 बजे प्रार्थी सुमित चौधरी पिता मुरारी चौधरी निवासी चकरभाठा बिलासपुर के द्वारा पुलिस अधीक्षक कोरबा भोजराम पटेल  को फोन के माध्यम से सूचित किया गया। प्रार्थी ने बताया कि कुसमुंडा रेलवे साइडिंग के पास आरोपियों ने अशरफ खान, राजा खान एवं अभिषेक आनंद के द्वारा प्रार्थी को जान से मारने की नीयत से गोली मारा गया है जो उसके जांघ में गोली लगी है ।

पुलिस अधीक्षक  भोजराम पटेल द्वारा तत्काल थाना प्रभारी कुसमुंडा निरीक्षक लीलाधर राठौर , सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक कृष्णा साहू एवं सर्वमंगला चौकी प्रभारी सहायक उप निरीक्षक  विभव  तिवारी को मौके पर भेजा। घायल को जिला चिकित्सालय में उपचार हेतु भर्ती कराकर उपचार कराने एवम मामले के आरोपियों को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए ।

पूछताछ पर सुमित चौधरी ने बताया कि वह दिनांक 28 नवंबर को अपने साथी दूजराम साहू के साथ  बुलेट मोटरसाइकिल से कोरबा से बिलासपुर जा रहा था। कुसमुंडा रेलवे साइडिंग के पास कुछ लोगों को खड़े देखकर साइडिंग के अंदर गया। जहां पर राजा खान अशरफ, अशरफ खान अभिषेक आनंद एवं कुछ अन्य लोग खड़े थे। जिनके साथ बातचीत के दौरान द्वारा पूर्व  रंजिश को लेकर अशरफ खान के द्वारा  सुमित चौधरी को गोली मार दिया गया। गोली सुमित चौधरी के जांघ में लग।  प्रार्थी सुमित चौधरी और दूजराम साहू ने वहां से भागकर अपनी जान बचाई। सुमित चौधरी के रिपोर्ट पर थाना कुसमुंडा में अप क्र – 569/2021 धारा – 307,34 भा द वि ,25,27 आर्म्स एक्ट के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारम्भ किया गया ।

प्रार्थी के द्वारा बताए गए घटनाक्रम घटनास्थल का निरीक्षण ,चिकित्सकीय  रिपोर्ट,बैलेस्टिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट एवं अन्य परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर प्रारंभ से ही लग रहा था कि मामला झूठा है,  प्रार्थी द्वारा किसी बड़ी साजिश के तहत मामले में नामजद आरोपियों को फंसाने  हेतु साजिश रचा गया है  ।

 मामले की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक श्री पटेल  द्वारा मामले की जानकारी पुलिस महानिरीक्षक  रतनलाल डांगी को दी गई। एवं आवश्यक निर्देश प्राप्त किए गए। पुलिस  महानिरीक्षक रतन लाल डांगी से प्राप्त दिशानिर्देश के अनुसार पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल द्वारा मामले के सच्चाई का खुलासा करने हेतु अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के नेतृत्व एवम नगर पुलिस अधीक्षक दर्री लितेश सिंह के पर्यवेक्षण में  विशेष टीम का गठन किया गया एवम सभी बिंदुओं पर  बारीकी से जांच के निर्देश दिए गए ।

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जांच के दौरान पता चला कि प्रार्थी सुमित चौधरी के पास एक लाल रंग की कार है। जिसमें वह हमेशा आना-जाना करता है किंतु वह घटना दिनांक को बुलेट के माध्यम से बिलासपुर जा रहा था। साथ ही कुसमुंडा थाना से नजदीक होने के बावजूद थाना न जाकर सीधे पुलिस अधीक्षक को फोन लगाकर सूचना देना, बिना काम के बिलासपुर जाते समय घटना स्थल पर जाने की आवश्यकता क्यों हुई ,आदि कई बिंदुओं पर संदेह उत्पन्न हो रहा था । पुलिस ने  आगे जांच किया तो ज्ञात हुआ कि मामले में जिन आरोपीगण को नामजद किया गया है वे लोग घटना समय कही और थे जिसका प्रामाणिक तकनीकी साक्ष्य उपलब्ध है। यह  स्पष्ट हो गया था कि प्रार्थी ने सोची समझी रणनीति के तहत  गहरी साजिश रची है , सुमित चौधरी सिर्फ मोहरा है ,पर्दे के पीछे कोई और है । जांच के दौरान प्रार्थी सुमित चौधरी के जान पहचान एवं दोस्तों की सूची प्राप्त की गई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ कि सुमित चौधरी पूर्व डीजल माफिया साजिद खान एवं गोपू पांडेय के गैंग का है साथ ही रायपुर जेल में बंद चीना पांडेय का मुख्य शागिर्द है ,और चीना पांडेय के मोबाइल के उपयोग कर रहा है।

इस आधार पर पूरे गैंग के लोगों का कुंडली खंगाला गया , साथ ही प्रार्थी सुमित चौधरी के साथ घटना के समय उपस्थित रहे दूजराम साहू को पूछताछ करने पर वह बार-बार अपना बयान बदल रहा था एवं बयान देने में घबरा  रहा था, जिससे पुलिस का शक और पुख्ता हुआ । इसी दौरान मुखबिर से जानकारी मिला की घटना दिनांक को सुमित चौधरी,दूजराम राम साहू के साथ मुस्तकीम खान उर्फ मुस्सू नामक लड़का भी देखा गया था , इस आधार पर मुस्तकीम खान को हिरासत  में लेकर दूजराम साहू और  मुस्तकीम खान से एकसाथ पूछताछ की गई ।  पुलिस की पूछताछ एवं तकनीकी साक्ष्यों के आगे गवाह दूजराम साहू  और आरोपी मुस्तकीम खान ज्यादा देर तक टिक नही सके  और सच्चाई बना बयां कर  दी  ।

यहां यह उल्लेखनीय है कि इस मामले का प्रार्थी सुमित चौधरी पूर्व में नामी गुंडा बदमाशी चिना पांडे के गैंग में रह चुका है चीना पांडे का साथ अवैध पिस्टल के साथ गरियाबंद जिले में पकड़ा गया था और अवैध पिस्टल के साथ बिलासपुर में भी एक मामले में पकड़ा गया है । चीना पांडे के जेल में रहने के दौरान चीना पांडे के मोबाइल फोन का उपयोग भी सुमित चौधरी ही कर रहा है ।  

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