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नोबेल शांति पुरस्कार के रूसी विजेता का दावा- रूसी सरकार ने नोबेल पुरस्कार ठुकराने के लिए कहा था

नई दिल्ली। इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार के साझा विजेता रूस के येन रैचिंस्की ने कहा है कि रूसी अधिकारियों ने उनसे नोबेल शांति पुरस्कार ठुकराने के लिए कहा था.

रैचिंस्की मेमोरियल नाम की संस्था के प्रमुख हैं. ये रूस की सबसे पुरानी मानवाधिकार संस्थाओं में से एक है जिसे पिछले साल रूस की सरकार ने बंद कर दिया था.

ये संगठन सोवियत संघ के ऐतिहासिक दमन का दस्तावेज़ीकरण करता है.

रैचिंस्की ने यूक्रेन में रूस के युद्ध की आलोचना करते हुए इसे “पागलपन और आपराधिक कहा है.”

उन्हें यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन सेंटर फॉर सिविल लिबरटीज़ और बेलारूस के जेल में बंद मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की के साथ संयुक्त रूप से विजेता घोषित किया गया था.

बीबीसी ने रैचिंस्की की टिप्पणी पर रूस के विदेश मंत्रालय का जवाब मांगा है.

बीबीसी के कार्यक्रम हार्ड टॉक में बात करते हुए रैचिंस्की ने दावा किया है कि रूस की सरकार ने उनकी संस्था से अवॉर्ड को अस्वीकार करने के लिए कहा था.

रैचिंस्की ने कहा कि उन्होंने इस सलाह पर ध्यान नहीं दिया.

रैचिंस्की का कहना है कि भले ही उनकी सुरक्षा को ख़तरा हो, वो मेमोरियल का काम जारी रखेंगे जो मौजूदा समय में और भी महत्वपूर्ण हो गया है.

उन्होंने कहा, “आज के रूस में किसी की भी व्यक्तिगत सुरक्षा की गारंटी नहीं है, हां बहुत से लोग मारे गए हैं और हम जानते हैं कि राज्य की निरंकुशता किस और ले जाती है और…हमें किसी तरह इस गड्ढे से बाहर निकलने की ज़रूरत है.”

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