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Vastu के अनुसार बच्चे के कमरे की ऐसी हो दिशा, नहीं तो होगा नुकसान

(Vastu) हर घर में बच्चों के लिए अलग से उनका कमरा होता है. क्या आप जानते हैं, बच्चों के रूम को सही तरीके से व्यवस्थित करना कितना जरूरी है. वहीं हम बात करेंगे बच्चों के कमरे की सहीं दिशा हो तो उन पर सकारात्मक असर पड़ता है. आइए जानते हैं, बच्चों के कमरे की सही दिशा क्या हो…

  • घर में बच्चों का कमरा पूर्व, उत्तर, पश्चिम या वायव्य (पश्चिम और उत्तर दिशा के बीच में) में हो सकता है.
  •  (Vastu) बच्चों का सिरहाना पूर्व दिशा की ओर और पैर पश्चिम की ओर होने चाहिए.
  • (Vastu)  यदि बच्चे के कमरे का दरवाजा ही पूर्व दिशा में हो तो पलंग दक्षिण से उत्तर की ओर होना चाहिए.
  •  कभी भी शौचालय के पास पढ़ने का कमरा नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही कमरे में किताबों की रैक या अलमारी पूर्व या उत्तर दिशा में ही होनी चाहिए.
  • अगर घर में जगह की कमी के कारण बेडरूम में पढ़ाई करनी हो, तो पढ़ने वाली टेबल, लाइब्रेरी और रैक पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें, मगर इस पर भी पढ़ते समय चेहरा पूर्व या उत्तर दिशा में ही होना चाहिए.
  •     शादी करने योग्य लड़की के लिए वायव्य (पश्चिम और उत्तर दिशा के बीच में) का कमरा अत्यंत लाभदायक होता है.
  •     वायव्य कोण का तत्व वायु है जो की चंचल है इसलिए वायव्य कोण में सोने से लड़कियों की शादी अतिशीघ्र होती है.
  •     बच्चों के कमरे में हिंसात्मक तस्वीरें न लगाएं.
  •     स्टडी टेबल पर ग्लोब या तांबे का पिरामिड रखने से लाभ होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है.
  •     जिन बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता उनके कमरे में मोर पंख रखें.
  •     पढ़ाई करने वाले बच्चों के कमरे में माता सरस्वती की तस्वीर लगाई जा सकती है.
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