
रायपुर। समाज कल्याण विभाग ने मलहम पट्टी (सर्जिकल आइटम) बनाने वाली कंपनी को 45 करोड़ रुपए का टेंट्राइसिकल बनाने का टेंडर जारी कर दिया गया था। जिसके बाद J.P. Drugs कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अब हाइकोर्ट ने सप्लाई ऑर्डर पर रोक लगा दिया और अधिकारियों पर सख्त टिप्पणी भी की।
जानकारी के मुताबिक Kaviraa Solutions नामक कंपनी जो कि मलहम पट्टी बनाती है। उसे 10 हजार ट्राइसाइकिल का ऑर्डर दिया जाना था। हालाकि सप्लाई ऑर्डर के पहले जीएसटी सर्टिफिकेट के आधार पर यह खुलासा हो गया. कंपनी मोटराइज्ड ट्राइसिकल बनाने वाली कंपनी नहीं है.इसके बावजूद अधिकारियों ने जान-बूझकर नियमों में हेरफेर कर ऐसी कंपनी को टेंडर जारी कर दिया.
इस मुद्दे पर समाज कल्याण विभाग ने कहा कि टेंडर सप्लाई के लिए नहीं, बल्कि इंपेनलमेंट के लिए था. अलग अलग जिलों में अलग अलग रेट में खरीदी की जाती थी. कीमत में एकरूपता लाने के लिए यह टेंडर जारी किया गया था, जिससे कि सभी जिलों में एक समान रेट पर खरीदी हो सके.