कोरिया

Korea: न्याय दिलाने न्यायालय खुद पहुंचा पक्षकार के पास, वही पर सुनाया फैसला

संजय संजू@कोरिया। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तहत नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। जिसमे आपराधिक ,शमनीय प्रकरण, लिखित पराक्रम्य अधिनियम की धारा 138 के तहत बाउंस का मामला, बैंक रिकवरी के मामले, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, श्रम विवाद, विद्युत एवं जलकर, वैवाहिक, वित्त सम्बंधी, भूमि अधिग्रहण, पेंशन से सम्बंधित, राजस्व व दीवानी प्रकरण, प्री-लिटिगेशन मामले के पक्षकार सभी अपने -अपने राजीनामा योग्य प्रकरणों में आपसी सहमति व मधुर -संबंध स्थापित होने के आधार पर राजीनामा करने न्यायालय में पहुंचे।

वही कोरिया जिला के मनेन्द्रगढ़ में आपराधिक प्रकरण क्रमांक 161 /20 , शासन प्रति रेखा श्रीवास्तव बैगरह धारा 294, 323, 506, 34 (द प्र स) के तहत पीड़िता गुंडडू बाई पति शीतल प्रसाद उम्र 50 साल निवासी अटल आवास रापखेरवा मनेंद्रगढ़ भी अपने प्रकरणों को निपटाने के लिये वह भी न्यायालय पहुंची। लेकिन पैरो से विकलांग होने से कोर्ट आने -जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

गुंडडू बाई भी अपने प्रकरणों को निपटारे के लिये काफी चिंतित थी और ऑटो वाहन के सहारे न्यायालय पहुंची, लेकिन न्याय के लिये विकलांगता आड़े आ रही थी। फिर भी पीड़िता ने हौसला रखते हुए ऑटो के द्वारा न्यायालय आई और न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट एकता अग्रवाल को नहीं सुना गया और आत्मविभोर हो न्यायालय के सभी त्वरित कार्य को विराम लगते हुए, उन्होंने परस्थिति को देख भावुक हुई और अपने न्यायलयीन स्टॉप व प्रकरण के अन्य पक्षकार को साथ मे लेकर न्यायालय के पहली माला से उतर नीचे परिसर में पहुंची।

गुंडडू बाई की परिस्थिति से अवगत हुई और वंही फैसला कर प्रकरण को समाप्त कर दी। जिससे गुंडडू बाई भी आत्मविभोर हो आंख से आंसू झलक गये और मजिस्टेट सहित सभी स्टॉफ को धन्यवाद ज्ञापित की ।

Related Articles

Back to top button