गरियाबंद

Gariyaband: ग्रामीणों ने घोघर सरपंच और सचिव के खिलाफ खोला मोर्चा, पंचायत की राशि के दुरुपयोग का लगाया आरोप, जांच के लिए एसडीएम को सौंपा आवेदन

रवि तिवारी@देवभोग। घोघर पंचायत के ग्रामीणों ने सरपंच बृजलाल सोरी और सचिव जुगेश्वर प्रधान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हैं। ग्रामीणों ने सरपंच और सचिव पर 14वे और 15वे वित्त की राशि का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया हैं। वहीं जांच के लिए ग्रामीणों ने एसडीएम को भी आवेदन सौंपा हैं।

एसडीएम को आवेदन देने पहुँचे ग्रामीण सरस्वती मरकाम और उमाकांत बेहेरा ने बताया की पंचायत में 14वे और 15वे वित्त की राशि का दुरुपयोग किया गया हैं। ग्रामीणों के मुताबिक पूर्व सरपंच ईश्वरी मरकाम के कार्यकाल में रंगमंच से मकरध्वज के घर तक सीसी सड़क निर्माण किया गया था। वही वर्तमान सरपंच बृजलाल सोरी के द्वारा रंगमंच से हेमन्त के घर तक सीसी सड़क का कार्य किया हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया हैं कि वर्तमान सरपंच द्वारा सड़क ना बनाकर पूर्व सरपंच द्वारा बनाई गई उसी सड़क को फिर से बनाना बताकर राशि निकालकर फर्जीवाड़ा किया गया हैं। उन्होंने इसकी जांच की भी मांग की हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया हैं कि सरपंच ने नियम कायदों को ताक पर रखकर पत्नी को भी मेट बना दिया हैं।

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मनरेगा में नहीं दिया जा रहा काम

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया हैं कि पंचायत में मनरेगा के कार्य के लिए जहां 300 लोगों का पंजीयन हैं, वहां सिर्फ 150 लोगों को ही कार्य दिया जा रहा हैं। इतना ही नहीं मस्टररोल को भी मौके पर नहीं लाया जाता। ग्रामीणों ने आरोप लगाया हैं कि रोजगार सहायक और तकनीकी सहायक भी मौके पर उपस्थित नहीं रहते,वहीं उनके नदारद रहने के कारण सरपंच-सचिव अपनी मनमानी करते हैं।

सरपंच और सचिव ने कहा आरोप बेबुनियाद और झूठा

मामले में सरपंच बृजलाल सोरी ने सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ झूठा शिकायत किया गया हैं। सरपंच के मुताबिक जांच में सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सरपंच ने कहा कि पूर्व सरपंच ईश्वरी मरकाम ने जहां सड़क बनाया था,उसके आगे सड़क बनाने के लिए प्रस्ताव किया गया था लेकिन वहां विवाद की स्थिति निर्मित हुई। जिसके बाद जगह परिवर्तन कर सड़क का निर्माण किया गया हैं। वहीं मनरेगा में सभी को कार्य दिया जाता हैं। पत्नी को मेट बनाने के सवाल पर सरपंच ने कहा कि पीओ के द्वारा योग्यता के अनुरूप नियुक्ति करने की बात कही गई थी। उनके आदेश के अनुरूप ही हमने योग्यता के अनुरूप महिला मेटो की नियुक्ति किया हैं। सरपंच ने कहा कि कार्य करके ही राशि का आहरण किया गया हैं। वहीं सचिव जुगेश्वर प्रधान ने कहा कि 14वे और 15वे वित्त की राशि का सही उपयोग किया गया हैं। कार्य करने के बाद ही राशि का आहरण किया गया हैं।

मामले में देवभोग अनुविभाग के एसडीएम टिकाराम देवांगन ने कहा कि ग्रामीणों के द्वारा दिये गए आवेदन के आधार पर जांच के लिए जनपद सीईओ को आदेश कर दिया गया हैं। जांच रिपोर्ट आते ही तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं जनपद सीईओ मनहर लाल मंडावी ने कहा कि जांच के लिए टीम गठित कर दी गई हैं। जल्द ही जांच पूरी कर ली जाएगी।

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