राजनीति

Congress नेता गुलाम नबी आजाद का बयान, बोले- आज पार्टी में कोई आलोचना सुनना नहीं चाहता है, कहने पर पार्टी से कर दिए जाते है दरकिनार

श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में कांग्रेस (Congress) के वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आज़ाद इन दिनों जम्मू कश्मीर में ताबड़तोड़ रैलियां कर रहे हैं. खास बात ये है कि इन रैलियों में वो कांग्रेस के खिलाफ बयानबाज़ी कर रहे हैं.

गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस (Congress)  के आलाकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि अब कोई आलोचना सुनना नहीं चाहता है और बोलने पर दरकिनार कर दिया जाता है. आजाद ने कहा कि कोई भी नेतृत्व को चुनौती नहीं दे रहा है. इंदिरा गांधी को याद करते हुए गुलाम नबी आजाद ने कहा कि एक बार इंदिरा गांधी ने दो लोगों को यूथ कांग्रेस के महासचिव के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी और उन्होंने इससे मना कर दिया था। इस पर इंदिरा गांधी ने उनकी हौसला अफजाई की थी। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि जब राजीव गांधी राजनीति में आए तो इंदिरा गांधी ने हम दोनों को बुलाया और राजीव गांधी से कहा कि गुलाम नबी मुझे भी ना कह सकते हैं। लेकिन इनके ना का मतलब अवहेलना या अपमान नहीं है। बल्कि पार्टी की भलाई के लिए है। लेकिन आज कोई ना सुनने के लिए तैयार नहीं है, ना कहने पर पार्टी से दरकिनार कर दिया जाता है।

राजनीति गलियारों में ऐसी खबरें भी सामने आ रही थी कि गुलाम नबी आज़ाद खुद अपनी पार्टी लॉन्च कर सकते हैं. हालां‍कि आजाद ने इन अटकलों को सिरे से खारिज दिया और कहा वह अपनी अभी कोई पार्टी नहीं बना रहे हैं. उन्होंने कहा, कोई नहीं कह सकता कि राजनीति में आगे क्या होगा, जैसे कोई नहीं जानता कि वह कब मर जाएगा.

गुलाम नबी आजाद के करीबी 20 नेताओं ने दिया पार्टी से इस्तीफा

जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में राजनीतिक तस्वीर तेज़ी से बदल रही है. गुलाम नबी आजाद के करीब 20 करीबी नेताओं ने पिछले दो हफ्तों में पार्टी के अलग-अलग पदों से इस्तीफा दे दिया है. अपने इस्तीफे में नेताओं ने गुलाम अहमद मीर को राज्य इकाई के प्रमुख के पद से हटाने सहित कांग्रेस में व्यापक बदलाव की मांग है. इन नेताओं ने आरोप लगाया है कि उन्हें प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व के ‘शत्रुतापूर्ण रवैये’ के चलते ये कदम उठाना पड़ा.

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की राजनीति गुलान नबी आजाद को अहम स्थान

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की राजनीति में गुलाम नबी आजाद अहम स्थान रखते हैं और पार्टी के सबसे बड़े चेहरे माने जाते हैं. कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा के कार्यकाल पूरा होने के बहाज उन्हें पार्टी में कोई अहम जिम्मेवारी नहीं मिली है.

Related Articles

Back to top button