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केंद्र की चेतावनी रही बेअसर, दिल्ली की फूली सांस; खतरनाक स्थिति में पहुंची वायु गुणवत्ता

एक बार फिर दिल्ली-एनसीआर की सांसों को फूला दिया है। वायु गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में पहुंच गई है। शुक्रवार को कई क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पांच सौ से भी अधिक दर्ज किया गया है। इसके साथ ही इन हवाओं में नाइट्रोजन ऑक्साइड और सल्फर की मात्रा भी पाई गई है, जो सिर्फ उद्योग और वाहनों से जलने वाले ईंधन से पैदा होता है। जिसके चलते आंखों में जलन और लोगों को सांस लेने में दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है।

सेटेलाइट तस्वीरें की गई साझा

इस बीच, दिल्ली-एनसीआर में एक्यूआई के खतरनाक स्थिति में पहुंचने के बाद केंद्र ने फिर से पंजाब, हरियाणा व दिल्ली सहित सभी पड़ोसी राज्यों को प्रदूषण पैदा करने वाले स्त्रोतों को पहचान कर तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहा है। साथ ही इन राज्यों में पराली जलने के सेटेलाइट से लिए गए चित्र भी साझा किए है। जिसमें बताया गया है कि 25 अक्टूबर के बाद पंजाब में पराली जलने की घटनाएं कैसे बढ़ी है।

माना जा रहा है कि दिल्ली-एनसीआर में बढ़े प्रदूषण के पीछे एक बड़ी वजह यह भी है। इस बीच, दीपावली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवाओं की गुणवत्ता खतरनाक श्रेणी में पहुंचने से यहां रहने वाले लोगों की चिंताएं भी बढ़ गई है। माना जा रहा है कि यदि ऐसी ही स्थिति रही तो दीपावली के दौरान यानी 12 नवंबर के आसपास दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए और ज्यादा मुश्किल भरा होगा।

दिल्ली-एनसीआर के वायु प्रदूषण को लेकर केंद्र की सक्रियता का आलम यह है कि हाल ही में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा ने भी एक उच्च स्तरीय बैठक की थी। जिसमें राज्यों को पराली संकट से निपटने के लिए मुहैया कराए गए उपकरणों का बेहतर इस्तेमाल करने के निर्देश दिए गए थे।

कल से कुछ सुधर सकती है स्थिति
इस बीच वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में शनिवार से कुछ सुधार की उम्मीद जताई है। हालांकि वायु गुणवत्ता खतरनाक स्थिति में रहेगी। आयोग का मानना है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का यह स्तर पर छह से सात नवंबर तक रहेगा। वायु गुणवत्ता के स्तर में बदलाव का क्रम वैसे शुक्रवार शाम से ही शुरू हो गया है।

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