छत्तीसगढ़गरियाबंद

बोईरगुड़ा को अब तक नहीं मिल पाया राजस्व ग्राम का दर्ज़ा, ग्रामीण एक दशक से कर रहे मांग, तीन साल पहले कलेक्टर को आवेदन देने के बाद भी मांग पर जिम्मेदारों ने नहीं उठाया उचित कदम

रवि तिवारी@देवभोग. देवभोग ब्लॉक के बाड़ीगॉव पंचायत का आश्रित ग्राम बोईरगुड़ा आज भी मुलभुत समस्याओं से जूझ रहा है… शासन-प्रशासन के जिम्मेदारों ने बोईरगुड़ा में विकास की अलख पहुंचने का दावा तो किया है.. लेकिन जमीनी हकीकत में आज भी इस गॉव के लोग मुलभुत समस्याओं से जूझ रहे है… गॉव की सबसे बड़ी समस्या बेलाट नाले में पुल का नहीं बनना है.. गॉव के तुकाराम कश्यप के मुताबिक एक दशक से इस पुल को बनाने की मांग की जा रही है… जिम्मेदारों के पास कई बार आवेदन भी किया जा चुका है.. लेकिन हमेशा गोलमोल जवाब देकर मामले से पल्ला झाड़ने का काम प्रशासन के जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों ने किया है.. तुकाराम बताते है कि कभी पुल का काम पीडब्लूडी विभाग से होने की बात कही जाती है.. तो कभी अन्य विभाग का नाम बताकर जिम्मेदार अधिकारी ग्रामीणों को गुमराह करने का काम करते है.. तुका के मुताबिक तीन साल पहले कलक्टर को आवेदन कर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत करवाकर राजस्व ग्राम बनाने की मांग की गई.. वहीं कलेक्टर ने स्थानीय प्रशासन को जाँच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश जारी किया था..वहीं कलेक्टर के आदेश को स्थानीय प्रशासन ने ठंडे बस्ते में डाल दिया.. आज तक बोईरगुड़ा के ग्रामीणों के आवेदन पर क्या कार्रवाई हुई.. इसकी जानकारी जिम्मेदारों ने ग्रामीणों को देना भी उचित नहीं समझा..

तत्कालीन पटवारी ने किया आदेश का अवहेलना -: गॉव के तुकाराम कश्यप,अंकुर यादव, प्रभुलाल मांझी और घनश्याम सिंह कश्यप ने बताया कि कलक्टर को आवेदन देने के बाद मामले में तत्काल तत्कालीन तहसीलदार राजस्व निरीक्षक, हल्का पटवारी के साथ ही बाड़ीगॉव के तत्कालीन सचिव को आदेश जारी कर गॉव में जाकर जाँच प्रतिवेदन बनाकर तीन दिन में रिपोर्ट सौंपने का आदेश जारी किया था.. तुकाराम के मुताबिक 4 नवम्बर 2019 को जारी किये गए आदेश का आज तक पालन नहीं किया गया.. तुकाराम के मुताबिक उन्होंने कई बार तत्कालीन पटवारी और पंचायत सचिव से सम्पर्क कर गॉव आकर जाँच करने के लिए आग्रह भी किया था.. लेकिन हमेशा पटवारी ने गोलमोल जवाब देकर बात को टाल दिया.. वहीं तत्कालीन तहसीलदार ने भी उस दौरान पटवारी से इतना पूछना भी उचित नहीं समझा कि कलक्टर को सौंपे गए आवेदन पर जाँच रिपोर्ट अब तक क्यों नहीं बन पाया…

30 से ज्यादा स्कूली बच्चे नाला पार कर स्कूल जाने को मजबूर -: ग्रामीणों ने बताया कि गॉव की सबसे बड़ी समस्या बेलाट नाले पर पुल का नहीं बनना है.. तुकाराम के मुताबिक बोईरगुड़ा के तीस से ज्यादा बच्चे बेलाट नाले से होकर बाड़ीगॉव के मिडिल स्कूल में पढ़ाई करने जाने को मजबूर है.. तुकाराम बताते है कि बारिश होने पर गॉव के बच्चे हफ्ते भर तक स्कूल नहीं जा पाते.. और उनकी पढ़ाई प्रभावित होती है…. वहीं मुलभुत समस्याओं से जूझ रहे इस गॉव की समस्या को दूर करने के लिए आज तक क्षेत्र के किसी जनप्रतिनिधि या प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने उचित कदम उठाना मुनासिब नहीं समझा….

ग्रामीणों ने पूरी जानकारी के साथ सौंपा था आवेदन -: गॉव के तुकाराम ने बताया कि हमने ज़ब मुख्यमंत्री के साथ ही अधिकारी वर्ग को आवेदन सौंपा था.. तो पूरी वस्तुस्थिति की जानकारी आवेदन में दिया गया था.. तुका ने बताया कि ग्रामीणों ने आवेदन में बताया था कि गॉव में कुल 06 वार्ड है, जबकि कुल जनसंख्या 1200 है.. इसी के साथ ही कुल मतदाता 557 है.. वहीं प्राथमिक शाला में 57 बच्चे पढ़ाई करते है.. जबकि माध्यमिक से हायर सेकंडरी के लिए 73 बच्चे पढ़ाई करने बाड़ीगॉव और गिरसूल जाने को मजबूर है..इसी के साथ ही गॉव के 230 राशनकार्डधारियों को बेलाट नाले में पुल नहीं होने से बरसात के दिनों में गिरसूल से होते हुए 8 किलोमीटर का सफर तय कर पंचायत मुख्यालय आना मजबूरी हो जाता है…

मामले में एसडीएम टीकाराम देवांगन ने कहा कि जानकारी आपके माध्यम से मिली है.. चुंकि ये पुराना मामला है..मैं जानकारी लेकर ही कुछ कह पाउँगा..

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