बेमेतरा

Bemetara: मंडुकपर्णीय की खेती कराएगी किसानों की आमदनी दोगुनी, विदेशों तक एक्सपोर्ट होगी उपज

दुर्गा प्रसाद सेन@बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के किसानों ने एक कमाल कर दिखाया है. किसानों ने मंडुकपर्णी यानी ब्राम्ही की खेती की है, जो कि अब विदेशों में धूम मचाने वाला है. आने वाले समय में इसकी पैदावार को बढ़ाया जाएगा, साथ ही ऐसी व्यवस्था की जाएगी. जिससे किसान खुद ही अपनी पैदावार विदेशों तक बेच सकें. बता दें कि देश में छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा भी कहा जाता है, क्योंकि यह अधिकतर किसान धान की खेती करते हैं.  

युवा किसान का अनोखा प्रयोग

दरअसल, पीएम मोदी ने साल 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने का लक्ष्य तैयार किया है. इस कड़ी में नगर पंचायत नवागढ़ के युवा किसान ने नवागढ़ में 2 साल पहले
मंडुकपर्णीय की खेती का अभिनव प्रयोग किया था. रूद्रपुर से प्रयोग के तौर पर मंडुकपर्णी का पौधा गया था.

आधा एकड़ में हुआ यह प्रयोग   

पहले साल में सिर्फ आधा एकड़ में मंडुकपर्णी लगाया गया. जब इसका अच्छा परिणाम आने लगा,तो दूसरे साल लगभग एक एकड़ में मंडुकपर्णी का उत्पादन किया गया. खुशी की बात है कि इलाहाबाद की एक हर्बल फर्म ने 10 टन मंडुकपर्णी खरीदने की मांग है.5 क्युंटल खरीदा है।

50 किसानों को दिया जाएगा पौधा

जिले के 50 किसानों को मंडुकपर्णी का पौधा दिया जाएगा इसकी क्रॉप कटिंग में अच्छे परिणाम देखने को मिले थे. इसके बाद ही जून 2022 में मंडुकपर्णी की खेती का दायरा बढ़ाया जाएगा. इसकी खेती 50 एकड़ में किया जाएगा।

औषधीय गुणों वाला मंडुकपर्णी

मंडुकपर्णी को आयुर्वेद में मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के लिए बहुत कारगर जड़ी-बूटी बताया है। यह मस्तिष्क को तंदरुस्त रखता है, सूजन को कम करता है, परिसंचरण में सुधार करता है, और घाव को जल्दी भरने में मदद करता है।

दिमाग को तंदरुस्त रखे मंडुकपर्णी

मण्डूकपर्णी को दिमाग के लिए टॉनिक माना जाता है। इसके इस्तेमाल से एकाग्रता बढ़ती है और दिमाग तेज़ होता है। इसके साथ ही ध्यान लगाने में मदद करता है।

तनाव के लक्षणों को कम करे

तनाव या चिंता के लक्षणों को कम करने के लिए भी मण्डूकपर्णी को बहुत फायदेमंद माना जाता है। कई शोधों में यह साबित हुआ है कि पैनिक अटैक और एंग्जायटी जैसी समस्याओं में राहत दिलाने में मदद करता है।

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करे

हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी में भी मण्डूकपर्णी का इस्तेमाल बहुत कारगर माना जाता है। कई शोधों में पाया गया है कि मण्डूकपर्णी में भरपूर मात्रा में टोटल फेनोलिक कंटेंट पाया जाता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं।

अनिद्रा की समस्या दूर करे

अनिद्रा की समस्या में मण्डूकपर्णी रामबाण इलाज है। इसमें नींद पैदा करने वाला प्रभाव होता है। यह मस्तिष्क में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके मानसिक ऊर्जा को फिर से स्थापित करता है। मण्डूकपर्णी के इस्तेमाल से दिमाग शांत होता है, जिससे अनिद्रा की समस्या में लाभ होता है।

अल्सर से मिलता है छुटकारा

पेट में अल्सर की समस्या में भी मण्डूकपर्णी बहुत कारगर औषधि है। इसमें कई ऐसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं, जो पेट के अल्सर को खत्म करते हैं। मण्डूकपर्णी में मौजूद एंटीअल्सर गुणों की वजह से इसे पेट के अल्सर के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

घाव को जल्दी से भरता है

मण्डूकपर्णी के इस्तेमाल से घाव जल्दी भरने में मदद मिलती है। मण्डूकपर्णी की पत्तियों को पीसकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भरता है। यह प्रभावित हिस्से में रक्त आपूर्ति कर घाव को जल्दी भरने में मदद करता है।

पत्ती की बिक्री एक बड़ी चुनौती थी

किसान कोई भी फसलों की खेती तो कर लेते है,लेकिन इसको उचित मूल्य पर बेचना सबसे बड़ी चुनौती होती हैं। नगर पंचायत नवागढ़ के युवा किसान किशोर कुमार राजपूत की मदद से 50 एकड़ में लगने वाले मण्डूकपर्णी की पत्तियों को इलाहाबाद की हर्बल ट्रेंडिंग कम्पनी ने पूरा खरीदने का वादा किया है। इसके साथ ही साथ मण्डूकपर्णी की पत्तियों से अर्क और चूर्ण तैयार होने के बाद जापान भेजा जाएगा.

मंडुकपर्णी की मांग काफी बढ़ती जा रही है. इसको महंगे दामों पर बेचा जा रहा है. खास बात है कि इसकी खेती पूरी तरह से ऑर्गेनिक तरीके से की गई है. इसमें किसी भी रासायनिक खाद का उपयोग नहीं हुआ है. किसान भी मंडुकपर्णी की खेती करके काफी काफी खुश हैं.आने वाले समय में धान का कटोरा कहा जाने वाला छत्तीसगढ़ काफी बड़े स्तर पर मंडुकपर्णी की खेती कर सकता है.

इसके अर्क और पत्ती को दुनियाभर के अलग-अलग हिस्सों में भी बेचा जाएगा. इससे किसानों की आमदनी बढ़ पाएगी.

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