Uncategorized

Chhattisgarh: राज्यपाल ने प्रधानमंत्री मोदी से नक्सलवाद, पांचवी अनुसूची तथा अन्य विषयों पर की चर्चा, ‘कोरोना काल में राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका’ पुस्तिका की भेंट

रायपुर। (Chhattisgarh) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आज नई दिल्ली में राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने मुलाकात की। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को ‘कोरोना काल में राज्यपाल की रचनात्मक भूमिका’ पुस्तिका भेंट की। प्रधानमंत्री ने राज्यपाल से छत्तीसगढ़ में वर्षा और कृषि की स्थिति की जानकारी ली। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद, पांचवी अनुसूची, परियोजनाओं हेतु भूमि अधिग्रहण इत्यादि विषयों पर चर्चा की। सुश्री उइके ने कहा कि जनजातीय क्षेत्रों में नक्सलवाद की समस्या गंभीर है। (Chhattisgarh) इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले नगरीय क्षेत्रों में मेसा कानून लागू करने का अनुरोध किया। साथ ही कहा कि मेसा कानून लागू होने से जनजातियों को उनके संवैधानिक अधिकार प्राप्त होंगे।

Chhattisgarh में कोरोना से राहत भरी खबर, आज प्रदेश में मिले 83 नए मरीज, 148 हुए ठीक, 1 मरीज ने गंवाई जान

(Chhattisgarh) राज्यपाल ने जनजातियों को भूमि विक्रय में होने वाली समस्याओं से अवगत कराया और समस्या के समाधान करने की आवश्यकता जताई। इसके अलावा प्रधानमंत्री वनवासी किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री निःशुल्क नमक वितरण योजना, केन्द्रीय योजनाओं का लाभ, स्थानीय वनवासी युवाओं की शासकीय सेवाओं के वर्ग 3 एवं 4 में भर्ती हेतु जिला संवर्ग के पद, वनवासियों की कृषि भूमि का प्रबंधन, ट्राईफेड का सशक्तीकरण, लघु वनोपजों की खरीदी, व्यक्तिमूलक योजनाओं को बढ़ावा देना, वन संरक्षण अधिनियम की समीक्षा, वनवासी युवाओं को आगे लाने हेतु निःशुल्क कोचिंग व्यवस्था सहित विभिन्न बिन्दुओं पर भी चर्चा की। सुश्री उइके ने प्रधानमंत्री को जनजातियों के जाति नाम में मात्रात्मक त्रुटियों से अवगत कराते हुए कहा कि इससे पात्र व्यक्तियों को जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है। इन सुधारों के प्रस्ताव छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भेजा जा चुका है और जनगणना महानिदेशक एवं अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा अपनी अनुशंसा प्रेषित कर दी गई हैं। जनजातीय विभाग द्वारा विधेयक प्रस्तुतीकरण एवं पारित कराना शेष है। राज्यपाल ने इस विषय पर जल्द निर्णय लेने का अनुरोध किया।

राज्यपाल ने उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल के चार जिलों चन्दौली, कुशीनगर, संत कबीरनगर, संत रविदास नगर जनजाति जिलों में शामिल करने का भी अनुरोध किया। राज्यपाल ने निजी एवं सरकारी क्षेत्रों में स्थापित होने वाली उत्खनन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित की जाने वाली भूमि के बदले भूमिस्वामी को उस परियोजनाओं के लाभांश में शेयर होल्डर बनाने या भूमि के उपयोग के लिए वार्षिक या मासिक किराया देने के संबंध में भी चर्चा की। राज्यपाल ने प्रधानमंत्री को प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया।

Related Articles

Back to top button