सरगुजा-अंबिकापुर

Ambikapur: एल्युमीनियम रिफाइनरी प्लांट खोलने का विरोध जारी, जनसुनवाई के बाद भी नहीं निकला हल, अब तहसील का घेराव कर अधिकारियों को सौंपेगे ज्ञापन

शिव शंकर साहनी@सरगुजा। (Ambikapur) जिले के बतौली क्षेत्र अंतर्गत चिरगा में मां कुदरगढ़ी एल्युमीनियम रिफाइनरी प्राइवेट लिमिटेड के प्लांट खोलने का विरोध बदस्तूर जारी है। ग्रामीणों का कहना है कि  जिस जमीन पर प्लांट खोला जा रहा है वह चारागाह और निस्तारी की जमीन है और कुछ सेटलमेंट की जमीन है। इतना ही नहीं इस जमीन पर कई किसान खेती कर जीविकोपार्जन कर रहे हैं। पिछली जनसुनवाई में भी ग्रामीणों द्वारा क्षेत्र में प्लांट लगाने का विरोध किया गया था, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी एक नहीं सुनी सिर्फ जनसुनवाई की खानापूर्ति कर औपचारिकता पूरी कर दी। (Ambikapur) जन सुनवाई के दौरान आस-पास के गांव चिरगा, माजा, करदना कालीपुर सहित कई पंचायत के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया गया था लेकिन उपस्थित अधिकारियों एवं कंपनी के लोगों ने उनकी बातों को अनसुना कर सिर्फ अपना पक्ष ही रखा।

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(Ambikapur) ग्रामीणों ने कहा कि इस कारखाना के लगने से जल, जमीन व हवा दूषित होगी और वे इसके लिए तैयार नहीं हैं। चिरगा के 200 ग्रामीणों ने सरगुजा आयुक्त व कलेक्टर को आवेदन भी दिया है, जिस पर अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है। पिछली ग्राम सभा में उन्होंने इसका विरोध कर हस्ताक्षर किया था, लेकिन फर्जी तरीके से प्रस्ताव पास किया गया है। वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि एल्युमीना से ही एल्युमीनियम बनता है और एल्युमीना बाक्साइट से तैयार होता है। बाक्साइट का मैनपाट में भंडार है, जहां हिंडालको व एनएमडीसी माइनिंग करती है और चिरगा मैनपाट से कुछ किमी ही है। बाक्साइट का ट्रांसपोर्ट ओड़िसा होता है, जहां एल्युमीना बनता है। वहीं एल्युमीना बनाने से प्रदूषण के कारण लोग डरे हुए हैं। संबंधित कंपनी इलाके के लोगों को रोजगार देने का बात कर रही है, लेकिन लोग तैयार नहीं हैं क्योंकि क्षेत्र के आसपास स्थित अन्य प्लांट जिन्होंने ग्रामीणों को प्लांट लगने के पूर्व रोजगार देने का वादा किया था वह आज ग्रामीणों को अपने आसपास भी फटकने नहीं देते। ग्रामीणों का कहना है कि वे इस प्रोजेक्ट का साल भर पहले से विरोध कर रहे हैं, लेकिन राजनैतिक हस्तक्षेप के कारण अफसर उनकी बात को नजर अंदाज कर कार्यवाही नही कर रहे हैं।

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वही ग्रामीणों में इस बात की चर्चा भी होने लगी है कि इस प्रोजेक्ट में कुछ बड़े नेताओं ने भी अप्रत्यक्ष तौर पर इन्वेस्टमेंट किया है। जिसके कारण अफसर भी ग्रामीणों की बात को नजर अंदाज कर रहे हैं। जिस कारण चिरगा सहित आसपास के गांव के ग्रामीणों द्वारा लामबंद एवं एकजुट होकर 2 सितंबर को बतौली तहसील का घेराव किया जाएगा एवं जिम्मेदार अधिकारियों को ज्ञापन सौंप विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके उपरांत भी मांगे पूरी नहीं होने पर वे पदयात्रा कर अंबिकापुर जो क्षेत्र से लगभग 30 किलोमीटर दूर है जाकर उग्र प्रदर्शन करेंगे।

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